Spotlight

समत्व और अस्तित्व | A Poem by Ruchika Chauhan


कहते हैं 

विभिन्नता में एकता तो भारत का आधार है,

पर क्यों फिर भी भेदभाव का प्रचार है ?

धर्म,जाति,रूतबे के आधार है ये भेद ,

पर बताइए ज़रा कौन कहता है ये सब वेद ?

सबको मिले समान अधिकार व समाज में हो समत्व,

क्योंकि तभी होंगे सब प्रसन्न

व नहीं खोएगा किसी का अस्तित्व। 

समाज की भेदभाव जैसी बुराई को हटाना है,

देश को सुखी, विकसित व समृद्ध बनाना है ।

यदि न होगा समाज में किसी प्रकार का भेदभाव,

निश्चय ही उन्नत होगा भारत ,लोगों में होगा परस्पर सद्भाव ।


तो आओ लें ये प्रण-

समाज में स्थापित करें संपूर्ण समत्व, 

मुक्त बनाएँ भारत को भेदभाव से

ताकि न खो पाए किसी का अस्तित्व ।

About the Author 


Ruchika Chauhan belongs to Shimla. She graduated from St. Bede's College Shimla. She holds a Master's degree in English. She is an M.Ed and she has ten years of teaching experience. She is also a soft skill trainer. Her hobbies include writing poetry, short stories, doing yogic exercises and painting.

Comments

Post a Comment

Share your response