कहते हैं
विभिन्नता में एकता तो भारत का आधार है,
पर क्यों फिर भी भेदभाव का प्रचार है ?
धर्म,जाति,रूतबे के आधार है ये भेद ,
पर बताइए ज़रा कौन कहता है ये सब वेद ?
सबको मिले समान अधिकार व समाज में हो समत्व,
क्योंकि तभी होंगे सब प्रसन्न
व नहीं खोएगा किसी का अस्तित्व।
समाज की भेदभाव जैसी बुराई को हटाना है,
देश को सुखी, विकसित व समृद्ध बनाना है ।
यदि न होगा समाज में किसी प्रकार का भेदभाव,
निश्चय ही उन्नत होगा भारत ,लोगों में होगा परस्पर सद्भाव ।
तो आओ लें ये प्रण-
समाज में स्थापित करें संपूर्ण समत्व,
मुक्त बनाएँ भारत को भेदभाव से
ताकि न खो पाए किसी का अस्तित्व ।
Nice
ReplyDeleteSo proud
ReplyDeleteGreat
ReplyDeleteCongratulations Mam.
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